Monday, September 3, 2012

"मेरे- या-- हमारे सपनों के स्वराज में किसी भी धार्मिक अथवा जातीय गंतव्य (मंजिल) की पहचान नहीं होगी न ही ऐसा होगा जिसमें पढ़े लिखे और अमीर आदमियों का ही एकाधिकार हो । स्वराज सबके लिए होगा जिसमें किसान होगे, इसके अलावा खासकर अपाहिज, अँधे एवं कठिन परिश्रम करने के बावजूद भुखमरी के शिकार लाखों लोग भी सम्मिलित होंगे ।": Young India, 26-3-‘31
"ये कहा जाता है कि इंडियन स्वराज में सबसे बड़े समुदाय का शासन होगा यानि हिन्दूओं का । इससे (ऐसा कहने की ) बड़ी भूल कोई नहीं हो सकती। अगर ऐसा सत्य होता तो मैं इसे स्वराज कहने से मना कर देता तथा अपने वश में की, पूरी ताकत से लड़ता । मेरे लिए हिंद स्वराज सब लोगों का शासन है, न्याय का शासन है ।" Young India, 16-4-‘31

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