हिन्दुत्व का केंद्रीय तत्व गाय की रक्षा है | मेरे लिए गौरक्षा मानव के विकास में सबसे अधिक आश्चर्यजनक परिदृश्य है | ये मानव को मानव प्रजाति से भी आगे लेजाता है| मेरे लिए गाय का मतलब पूरे के पूरे एक उप-मानव संसार से है | गाय के द्वारा मानव सभी प्राणियों में अपनी पहचान बनाने के लिए आदेशित है। गाय को ही मोक्षदात्री क्यों चुना गया है ये मेरे लिए प्रत्यक्ष है। भारत में गाय एक सर्वोत्तम साथी थी। वह बहुत कुछ देने वाली रही है। गाय ने हमें न केवल दूध ही नहीं दिया है बल्कि खेती को भी इसने सरल तरीका दिया है। यह लाखों भारतीय आदमियों की माता है। गौरक्षा का मतलब है भगवान के द्वारा बनाए गए इस कूड़े के ढेर को (संसार) बचाना है। प्राचीन समय में इस (संसार) को बनाने वाला जो कोई भी रहा हो उसने गाय से शुरुवात की होगी। गौरक्षा हिन्दुत्व की ओर से संसार को एक भेंट है। हिन्दुत्व तब तक रहेगा जब तक हिन्दू गौरक्षा करते रहेंगे। हिन्दूओं की पहचान तिलक से नहीं होगी, न ही शुद्ध मन्त्रों के उच्चारण से होगी, न ही तीर्थों से होगी और न ही जाती के नियमों के बारीकी से पालना से होगी बल्कि गौरक्षा से ही होगी।- Young India, 6-10-‘21
"Mahatma Gandhi is our Father of Nation and every father has a particular dream for his family. Gandhi ji also had a dream for his home that is India. He named his dream as "Swaraj." Only the end of British Rule from India was not enough in his views. According to him to get "Poorn-Swaraj" was the real freedom."- Priyadarshan Shastri
Saturday, October 6, 2012
Friday, October 5, 2012
Monday, October 1, 2012
Mahatma Gandhi - Father of Nation
महात्मा गाँधी |
आज २ अक्तूबर है। महात्मा गाँधी की जन्म तिथि | आज ही के दिन गुजरात के समुद्र तटीय कस्बे पोरबंदर में करमचंद गाँधी एवम् पुतलीबाई के घर में एक बालक मोहनदास का जन्म हुआ था| यही बालक मोहनदास आयेज चलकर महात्मा गाँधी बन गया | करमचंद गाँधी हिंदू मोढ़ समाज के थे जो ब्रिटिश शासन के अंतर्गत छोटे से राज्य पोरबंदर में दीवान के पद पर कार्यरत थे| महात्मा गाँधी की माता पुतली बाई हिंदू प्राणामी वैष्णव समाज की थी | महात्मा गाँधी के बचपन पर सरवन कुमार एवम् राजा हरीशचंद्र की कथाओं का अत्यंत प्रभाव था | इसके अलावा भागवत गीता का भी उनके जीवन पर ख़ासा प्रभाव था | गाँधी ने स्वयं कहा है-"It haunted me and I must have acted Harishchandra to myself times without number." मई १८१३ में १३ वर्ष की आयु में महात्मा गाँधी का विवाह कस्तूरबाई माखनजी (कस्तूरबा) से हुआ था। गाधी जी उन्हें 'बा' शब्द से पुकारा करते थे। गाँधी जी का विवाह बाल विवाह था उन्होंने कहा था -"As we didn't know much about marriage, for us it meant only wearing new clothes, eating sweets and playing with relatives." महात्मा गाँधी की विद्यालयीय रिपोर्ट के मुताबिक़ वे अंग्रेजी में अच्छे, अर्थमेटिक्स में ठीक एवं भूगोल में कमजोर थे जबकि व्यवहार अच्छा था परन्तु हेंडराइटिंग ख़राब थी। परिवार की इच्छा थी वे बैरिस्टर बनें इसलिए उन्होंने कानून की पढ़ाई लन्दन- इंग्लेंड से की थी । हमारे देश की आजादी की लड़ाई उनके नेतृत्व में लड़ी गई थी। उससे पहले गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका में सिविल अधिकारों एवं जातिभेद के खिलाफ एक लड़ाई लड़ चुके थे। सत्य, अहिंसा एवं सविनय अवज्ञा उनकी लड़ाई के मूल सिद्धांत थे। स्वराज उनका सपना था।
- प्रियदर्शन शास्त्री
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